Khaabon Ke Parinday Songtext
von Shankar–Ehsaan–Loy
Khaabon Ke Parinday Songtext
उड़े
खुले आसमान में ख्वाबों के परिंदे
उड़े
दिल के जहां मैं ख़्वाबों के परिंदे
ओहो क्या पता जायेंगे कहाँ
खुले हैं जो पल कहे ये नज़र
लगता है अब है जागे हम
फिक्रें जो थी पीछे रेह गयी
निकले उनसे आगे हम
हवा में बेह रही है ज़िन्दगी
ये हम से केह रही है ज़िन्दगी
ओहो अब तो जो भी हो सो हो
उड़े
खुले आसमान में ख्वाबों के परिंदे
उड़े
दिल के जहां मैं ख़्वाबों के परिंदे
ओहो क्या पता जायेंगे कहाँ
किसी ने छुआ तो ये हुआ
फिरते हैं मेहेके मेहेके हम
खोयी हैं कहीं बातें नयी
जब हैं ऐसे बेहके हम
हुआ है यूँ के दिल पिघल गए
बस एक पल में हम बदल गए
ओहो अब तो जो भी हो सो हो रौशनी मिली
अब राह में है इक दिलकशी सी बरसी
हर खुसी मिली
अब ज़िन्दगी पे है ज़िन्दगी सी बरसी
अब जीना हमने सीखा है
याद है कल आया था वो पल जिसमे जादू ऐसा था
हम हो गए जैसे नए वो पल जाने कैसा था
कहे ये दिल के जा उधर ही तू जहाँ भी लेके जाए आरज़ू
ओहो अब तो जो भी हो सो हो
जो भी हो सो हो
उड़े
जो भी हो सो हो
उड़े
जो भी हो सो हो
खुले आसमान में ख्वाबों के परिंदे
उड़े
दिल के जहां मैं ख़्वाबों के परिंदे
ओहो क्या पता जायेंगे कहाँ
खुले हैं जो पल कहे ये नज़र
लगता है अब है जागे हम
फिक्रें जो थी पीछे रेह गयी
निकले उनसे आगे हम
हवा में बेह रही है ज़िन्दगी
ये हम से केह रही है ज़िन्दगी
ओहो अब तो जो भी हो सो हो
उड़े
खुले आसमान में ख्वाबों के परिंदे
उड़े
दिल के जहां मैं ख़्वाबों के परिंदे
ओहो क्या पता जायेंगे कहाँ
किसी ने छुआ तो ये हुआ
फिरते हैं मेहेके मेहेके हम
खोयी हैं कहीं बातें नयी
जब हैं ऐसे बेहके हम
हुआ है यूँ के दिल पिघल गए
बस एक पल में हम बदल गए
ओहो अब तो जो भी हो सो हो रौशनी मिली
अब राह में है इक दिलकशी सी बरसी
हर खुसी मिली
अब ज़िन्दगी पे है ज़िन्दगी सी बरसी
अब जीना हमने सीखा है
याद है कल आया था वो पल जिसमे जादू ऐसा था
हम हो गए जैसे नए वो पल जाने कैसा था
कहे ये दिल के जा उधर ही तू जहाँ भी लेके जाए आरज़ू
ओहो अब तो जो भी हो सो हो
जो भी हो सो हो
उड़े
जो भी हो सो हो
उड़े
जो भी हो सो हो
Writer(s): Javed Akhtar Lyrics powered by www.musixmatch.com