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Nakhralo Songtext
von Sachin-Jigar

Nakhralo Songtext

कस्तूरी सी सौंधी-सौंधी एक महक जागी
हो, कस्तूरी सी सौंधी-सौंधी एक महक जागी
बंजर मन के भीतर-भीतर, देख, अलख जागी

अब ना कुछ भी और सुहावै
नैना दीपक राग सुणावै
म्हारा मन होयो नखरालो
ओ, यारा, म्हारा मन होयो नखरालो

(हो) अब ना कुछ भी और सुहावै
नैना दीपक राग सुणावै
म्हारा मन होयो नखरालो
(ओ, यारा, म्हारा) मन होयो नखरालो


जिने खोजा तिने पाइयाँ गहरे पानी बैठ
जिन खोजा तिन पाइयाँ, हाँ, गहरे पानी बैठ रे
जिन खोजा तिन पाइयाँ, हाँ, गहरे पानी बैठ रे

वो छाने मिट्टी निरी...
वो छाने मिट्टी, रहा जो सोच किनारे बैठ

जितना डूबे उतना पावै
नैना दीपक राग सुणावै
म्हारा मन होयो नखरालो
ओ, यारा, म्हारा मन होयो मतवालो

अब ना कुछ भी और सुहावै
नैना दीपक राग सुणावै
म्हारा मन होयो नखरालो
ओ, यारा, म्हारा मन होयो नखरालो

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