Chaudhvin Ka Chand Ho Songtext
von Mohammed Rafi
Chaudhvin Ka Chand Ho Songtext
चौदहवीं का चाँद हो, या आफ़ताब हो?
जो भी हो तुम, ख़ुदा की क़सम, लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो, या आफ़ताब हो?
जो भी हो तुम, ख़ुदा की क़सम, लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो...
ज़ुल्फ़ें हैं जैसे काँधों पे बादल झुके हुए
आँखें हैं जैसे मय के पियाले भरे हुए
मस्ती है जिसमें प्यार की तुम वो शराब हो
चौदहवीं का चाँद हो...
जो भी हो तुम, ख़ुदा की क़सम, लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो, या आफ़ताब हो?
जो भी हो तुम, ख़ुदा की क़सम, लाजवाब हो
चौदहवीं का चाँद हो...
ज़ुल्फ़ें हैं जैसे काँधों पे बादल झुके हुए
आँखें हैं जैसे मय के पियाले भरे हुए
मस्ती है जिसमें प्यार की तुम वो शराब हो
चौदहवीं का चाँद हो...
Writer(s): Shakeel Badayuni, Shankar Rava Ravi Lyrics powered by www.musixmatch.com