Nis Din Nis Din Songtext
von Lata Mangeshkar
Nis Din Nis Din Songtext
जिया लागे ना तेरे बिना जैसे प्रीतम, हाए
चाँदनी बिना रात ना भाए
निस-दिन, निस-दिन मेरा जुल्मी सजन
ऐसी बतियाँ बनाएँ, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
निस-दिन, निस-दिन मेरा जुल्मी सजन
ऐसी बतियाँ बनाएँ, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
मुझे मन से अपना वो माने रे
बने जैसे कुछ भी ना जाने रे
मुझे मन से अपना वो माने रे
बने जैसे कुछ भी ना जाने रे
हाए, बने अनजान, नादान
वो ले के रहेगा यूँ मेरे प्राण
हर पल, हर दिन गए यूँ ही गिन-गिन
यूँ ही जीवन जाए, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
निस-दिन, निस-दिन मेरा जुल्मी सजन
ऐसी बतियाँ बनाएँ, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
आए तो बहार ले के आए रे
जाए तो क़रार ले के जाए रे
आए तो बहार ले के आए रे
जाए तो क़रार ले के जाए रे
जाने क्या हो अंजाम, हाय राम
हो जाए ना कहीं प्यार ये बदनाम
करे दिल हलचल, गिरे अखियों से जल
मुझे इतना सताए, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
निस-दिन, निस-दिन मेरा जुल्मी सजन
ऐसी बतियाँ बनाएँ, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
जिसे मैंने मन में बसाया रे
जन्मों का साथी बनाया रे
छोड़ा मैंने सारा मान, अभिमान
हाए, फिर भी रुका मन का ना तूफ़ान
किया तन और मन जिसे मैंने अर्पण
वो ही नैन चुराए, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
निस-दिन, निस-दिन मेरा जुल्मी सजन
ऐसी बतियाँ बनाएँ, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
चाँदनी बिना रात ना भाए
निस-दिन, निस-दिन मेरा जुल्मी सजन
ऐसी बतियाँ बनाएँ, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
निस-दिन, निस-दिन मेरा जुल्मी सजन
ऐसी बतियाँ बनाएँ, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
मुझे मन से अपना वो माने रे
बने जैसे कुछ भी ना जाने रे
मुझे मन से अपना वो माने रे
बने जैसे कुछ भी ना जाने रे
हाए, बने अनजान, नादान
वो ले के रहेगा यूँ मेरे प्राण
हर पल, हर दिन गए यूँ ही गिन-गिन
यूँ ही जीवन जाए, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
निस-दिन, निस-दिन मेरा जुल्मी सजन
ऐसी बतियाँ बनाएँ, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
आए तो बहार ले के आए रे
जाए तो क़रार ले के जाए रे
आए तो बहार ले के आए रे
जाए तो क़रार ले के जाए रे
जाने क्या हो अंजाम, हाय राम
हो जाए ना कहीं प्यार ये बदनाम
करे दिल हलचल, गिरे अखियों से जल
मुझे इतना सताए, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
निस-दिन, निस-दिन मेरा जुल्मी सजन
ऐसी बतियाँ बनाएँ, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
जिसे मैंने मन में बसाया रे
जन्मों का साथी बनाया रे
छोड़ा मैंने सारा मान, अभिमान
हाए, फिर भी रुका मन का ना तूफ़ान
किया तन और मन जिसे मैंने अर्पण
वो ही नैन चुराए, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
निस-दिन, निस-दिन मेरा जुल्मी सजन
ऐसी बतियाँ बनाएँ, हाँ
जले बैरी मन, सुलगे बदन
आग सी लग जाए, हाँ
Writer(s): Yogesh, Salil Choudhury Lyrics powered by www.musixmatch.com