Kali Palak Teri - [Do Choor] Songtext
von Lata Mangeshkar & Kishore Kumar
Kali Palak Teri - [Do Choor] Songtext
काली पलक तेरी, गोरी, खुलने लगी है थोड़ी-थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी, हो, चोरी
काली पलक पिया मोरी, हो, खुलने लगी है थोड़ी-थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी, हो, चोरी
काली पलक पिया मोरी...
आएगी बाँध के पायल, तू होंठ दबाए, बदन को चुराए
नाज़ुक कमर से लगाए अदा की कटारी, ज़ालिमा
फेरेगी धीरे-धीरे तू मेरे गले पर ये बाँहों के ख़ंजर
जाएगी दिल मेरा लेकर समझ के अनाड़ी बालमा
रोज़ रात को यूँ ही बाँधेगी लटों की डोरी, हो, डोरी
काली पलक तेरी, गोरी, ओ, खुलने लगी है थोड़ी-थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी, हो, चोरी
काली पलक पिया मोरी...
ना तो मैं डोर से बाँधूँ, ना जाल बिछाऊँ, ना तीर चलाऊँ
नाज़ुक कमर से लगाऊँ छुरी ना कटारी, साजना, ओ, सजना
मैं तो तेरा दिल लूँगी तुझी से छुपा के, नज़र को बता के
यूँ ही ज़रा मुस्का के कहूँगी अनाड़ी साजना
रोज़ रात को तेरे घर होगी तेरी चोरी, हो, चोरी
काली पलक पिया मोरी, ओ, खुलने लगी है थोड़ी-थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी, हो, चोरी
काली पलक तेरी, गोरी...
अच्छी हुई मेरी चोरी कि एक दिल खोया तो एक दिल पाया
ऐसे कोई पास आया कि आ गया लुटने का मज़ा
अच्छी तेरी-मेरी जोड़ी कि लुट गए दोनों तो बस गए दोनों
हँस के लिपट गए दोनों हुआ जब वादा प्यार का
रोज़ रात को मिलेंगे चंदा और चकोरी, चकोरी
काली पलक तेरी, गोरी, खुलने लगी है थोड़ी-थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी, हो, चोरी
काली पलक पिया मोरी, हो, खुलने लगी है थोड़ी-थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी, हो, चोरी
काली पलक पिया मोरी...
आएगी बाँध के पायल, तू होंठ दबाए, बदन को चुराए
नाज़ुक कमर से लगाए अदा की कटारी, ज़ालिमा
फेरेगी धीरे-धीरे तू मेरे गले पर ये बाँहों के ख़ंजर
जाएगी दिल मेरा लेकर समझ के अनाड़ी बालमा
रोज़ रात को यूँ ही बाँधेगी लटों की डोरी, हो, डोरी
काली पलक तेरी, गोरी, ओ, खुलने लगी है थोड़ी-थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी, हो, चोरी
काली पलक पिया मोरी...
ना तो मैं डोर से बाँधूँ, ना जाल बिछाऊँ, ना तीर चलाऊँ
नाज़ुक कमर से लगाऊँ छुरी ना कटारी, साजना, ओ, सजना
मैं तो तेरा दिल लूँगी तुझी से छुपा के, नज़र को बता के
यूँ ही ज़रा मुस्का के कहूँगी अनाड़ी साजना
रोज़ रात को तेरे घर होगी तेरी चोरी, हो, चोरी
काली पलक पिया मोरी, ओ, खुलने लगी है थोड़ी-थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी, हो, चोरी
काली पलक तेरी, गोरी...
अच्छी हुई मेरी चोरी कि एक दिल खोया तो एक दिल पाया
ऐसे कोई पास आया कि आ गया लुटने का मज़ा
अच्छी तेरी-मेरी जोड़ी कि लुट गए दोनों तो बस गए दोनों
हँस के लिपट गए दोनों हुआ जब वादा प्यार का
रोज़ रात को मिलेंगे चंदा और चकोरी, चकोरी
काली पलक तेरी, गोरी, खुलने लगी है थोड़ी-थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Rahul Dev Burman Lyrics powered by www.musixmatch.com